Saturday, June 6, 2015

International School Of Astrology and Divine Sciences

भवन खरीदने या बनाते समय इन का भी रखें विशेष ध्यान 


1. घर के खिड़की-दरवाजे इस तरह होने चाहिए कि सूरज की रोशनी अच्छी तरह से घर के अंदर प्रवेश करे।

2. रसोई घर में तथा आलमारी में मंदिर नहीं रखना चाहिए।

3. शयनकक्ष में भगवान की मूर्ती या तस्वीरें एवं धार्मिक आस्था से जुड़ी वस्तु न रखें।

4. घर में शौचालय के साथ में देवस्थान नहीं होना चाहिए।

5. किसी शुभ मुहूर्त या वार त्यौहार में अपने घर में पूजास्थल में वास्तुदो शनाशक कवच की स्थापना करें और नित्य इसकी पूजा करें.आप इस कवच को दोषयुक्त स्थान पर भी स्थापित कर,सरलता से वास्तुदोषों मुक्ति पा सकते हैं.|

6. अपने भवन के ईशान कोण अथवा ब्रह्मस्थल में स्फटिक श्रीयंत्र की शुभ मुहूर्त में स्थापना करें. यह यन्त्र लक्ष्मी प्रदायक भी होता ही है, साथ ही साथ घर में स्थित वास्तुदोषों का भी निवारण करता है.

7. प्रातःकाल के समय हवन कुण्ड या किसी भी दीपक में थोड़ी अग्नि प्रज्वलित कर उसमें थोड़ीसी गुग्गल रखें और 'ॐ नारायणाय नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार घी की कुछ आहुति प्रदान करें. अब गुग्गल से जो धूम्र उत्पन्न हो, उसे अपने घर के प्रत्येक कमरे में जाने दें. इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म होगी और वास्तुदोष का भी समपन्न हो जाता हैं.!

8. प्रतीदिन शाम के समय घर मे कपूर जलाएं इससे घर मे मौजूद नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।

9. वास्तु पूजन के पश्चात् भी कभी-कभी अत्यधिक दूषित मिट्टी होने कारण कुछ दोष रह जाते हैं जिनका निवारण कराना आवश्यक है।

10. घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए मुख्य द्वार पर एक पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा या चित्र लगाने से नष्ट हो जाते हैं.।

11.:दुकान की शुभता बढ़ाने के लिए प्रवेश द्वार के दोनों ओर गणपति की मूर्ति या स्टिकर लगायें। एक गणपति की दृष्टि दुकान अंदर तथा दूसरे गणपति की बाहर की ओर होनी चाहिए.।

12.केशर व हल्दी को जल में घोलकर एक पान के पत्ते या दूर्वा की सहायता से अपने सम्पूर्ण घर में छिडकाव करें,इससे घर में लक्ष्मी का वास तथा शांति भी बनी रहती है|

13.अपने घर के मन्दिर में तिल के तेल या घी का एक दीपक नियमित जलाएं तथा शंख की ध्वनि सुबह और शाम के समय करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से बहार निकलती है.|

14.घर में उत्पन्न वास्तुदोष घर के मुखिया के लिए कष्टदायक होते हैं. इसके निवारण के लिये घर के मुखिया को सातमुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए.|



15. यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिणमुखी है,तो यह प्रस्तिथि कभी कभी मुखिया के लिये हानिकारक होता है. इसके लिये मुख्यद्वार के समीप श्वेतार्क गणपति की स्थापना करनी चाहिए.|

16.अपने घर के पूजा कक्ष में देवताओं की प्रतिमा या मूर्ती भूलकर भी आमने-सामने नहीं रखने चाहिए इससे बड़ा दोष उत्पन्न होता है.|

17.अपने घर के ईशान कोण में स्थित पूजा-घर में अपने बहुमूल्य वस्तुएँ नहीं छिपानी चाहिए|

18.पूजाकक्ष की दीवारों पर सफ़ेद हल्का पीला अथवा हल्का लाल करवाना चाहिए.|

19.यदि झाडू बार-बार पैर का स्पर्थ होता हो,तो यह धन-नाश का कारण होता है. झाडू के ऊपर कोई वजन दार वास्तु भी नहीं रखें, ध्यान रखें...! की बाहर से आने वाले व्यक्ति की दृष्टि झारू पड़ न परे।

20.अपने घर में दीवारों पर सुन्दर, हरियाली से युक्त और मन को प्रसन्न करने वाले चित्र लगाएं. इससे घर के मुखिया को होने वाली मानसिक परेशानियों से निजात शीघ्र मिलता है.|

21.घर की पूर्वोत्तर दिशा में पानी का कलश रखें। इससे घर में सुख समृद्धि व शांति प्राप्त होती हैं...।

22. यदि संभव हो तो हमेशा ड्रॉइंग रूम में रंग बिरंगे फूलों का गुलदस्ता सजा कर रखें इससे आपका मन्न भी प्रफुलित रहेगा.।

23..शयनकक्ष में प्राकृतिक सौंदर्य दर्शाने वाली तस्वीर लगाएं,इससे मन को शांति मिलती है, पति-पत्नी में वादविवाद नहीं होगा.तथा आपसी प्रेम बढ़ेगा व परस्पर विस्वास अत्यधिक गहरा होगा...।

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